जिंदगी बहुत छोटी है इस का आनंद लो, enjoy every moment of life

एक बार 4 मित्र अपने कॉलेज के समय के प्रोफेसर से मिलने पहुंचे प्रोफेसर अब बूढ़े हो चुके थे चारों छात्रों को देखकर प्रोफेसर बड़े खुश हुए कुछ देर बातें करने के बाद प्रोफेसर उनके लिए चाय बनाने के लिए अंदर गए विचारों अपनी अपनी परेशानियां एक दूसरे को बता रहे थे कोई बोल रहा था मेरी सैलरी बहुत कम है कोई बोल रहा था कि मेरे पास गाड़ी नहीं है कोई कहता है मुझ पर बहुत कर्जे उन्हीं बातें सुनकर लग रहा था कि कोई भी अपने जीवन से खुश नहीं है सारे के सारे अपनी-अपनी किस्मत को दोष दे रहे हैं थे
प्रोफेसर उनकी यह बातें सुन रहे थे उन्होंने चार सुंदर कब के लिए जिसमें से एक सोने का बना था दूसरा चांदी का इसी तरह तीसरा कांच का हो सुंदरी करता लेकिन बिल्कुल सादा था प्रोफेसर ने चारों के आगे चाय रखी तो सभी ने एक एक कप उठा लिया प्रोफेसर ने देखा कि सामने वाला कब सबसे पहले उठा लिया गया उसके बाद चांदी का उठाया तीसरे ने कांच और चौथे सादा वाला का बच्चा यह देख कर मुस्कुरा उठे चारों मित्र से उनकी मुस्कुराहट का कारण पूछने लगे तो प्रोफेसर ने बताया कि मैं तुम लोगों की बातें सुन रहा था
इसलिए मैंने जानबूझकर सारे अलग-अलग लिए थे विचारों कुछ समझे नहीं तो उन्हें विस्तार से समझाया कि यह चाय जीवन की तरह है और यह कप चाय पीने का जरिया मात्र है सब को पीना तो सही है लेकिन फिर भी सबसे पहले सोने का कब उठाया गया फिर चांदी का मिट्टी के कप में भी वही चाय है जो सोने के कप में उसी तरह जीवन की एक चाय है जो सबके लिए सामान्य है लेकिन लोग कब रुचि संसारिक चीजों से अच्छी जॉब अच्छी सैलरी गाड़ी बंगला के पीछे भागते हुए सारा जीवन दुख से निकाल देते हैं जिससे जीवन का आनंद नहीं ले पाते तो मित्रों क्या फर्क पड़ता है कि कब मिट्टी का हो या सोने का सीने में तो आखिर चाही है तो उसी की तरह सारी चीजों के मुंह में क्यों अपना जीवन बर्बाद करते हो जीवन का आनंद लो यही इस कहानी की शिक्षा है

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