जब सूरज बना नहीं था
और चांद भी जन्मा नहीं था,
जब जब नदिया नहीं सुनाती थी गाना
और चिड़ियों को भी नहीं था घर वापस आना|
तब क्या था, कौन था और कहां था
तारों में किस ने आग थी भरी,
और घास हो गई हरी हरी
जब सागर में नहीं था पानी|
क्या उस वक्त कि तुम्हें सुनाती है कहानी
क्या तारों के जन्म से हमारा है नाता
यह विज्ञान ही हमें है बताता
क्या है तुम्हारी मेरी कहानी |
सुन लो तुम विज्ञान की जुबानी
सब कुछ है हमारे आस - पास
फिर किस बात की है कमी
फिर किस बात की है कमी|
और चांद भी जन्मा नहीं था,
जब जब नदिया नहीं सुनाती थी गाना
और चिड़ियों को भी नहीं था घर वापस आना|
तब क्या था, कौन था और कहां था
तारों में किस ने आग थी भरी,
और घास हो गई हरी हरी
जब सागर में नहीं था पानी|
क्या उस वक्त कि तुम्हें सुनाती है कहानी
क्या तारों के जन्म से हमारा है नाता
यह विज्ञान ही हमें है बताता
क्या है तुम्हारी मेरी कहानी |
सुन लो तुम विज्ञान की जुबानी
सब कुछ है हमारे आस - पास
फिर किस बात की है कमी
फिर किस बात की है कमी|
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